लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने और कृषि कार्यों को लाभकारी बनाने की एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना प्रदेश के किसानों को आर्थिक सहायता, आधुनिक कृषि तकनीक, और बाजार तक बेहतर पहुँच प्रदान करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है।
योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के किसानों की आय में वृद्धि करना है। इसके तहत सरकार किसानों को खेती में उपयोग होने वाले उर्वरकों, कीटनाशकों, बीजों और आधुनिक कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान देती है। साथ ही, किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा देने और उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए भी कई कदम उठाए जा रहे हैं।
पत्नी ने कर दिया ऐसा कांड की पति को पत्नी पर रखना पड़ा 20 हजार का इनाम, वजह जान चौक जाओगे।
मुख्य विशेषताएँ
आर्थिक सहायता: किसानों को उन्नत बीज, खाद और कृषि उपकरण खरीदने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम: किसानों को आधुनिक और टिकाऊ खेती के तौर-तरीकों पर प्रशिक्षण दिया जाता है।
जल संरक्षण: सिंचाई के लिए सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे जल की बचत और उत्पादन दोनों में बढ़ोतरी हो सके।
फसल बीमा सुविधा: प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल क्षति होने पर किसानों को मुआवजा देने की व्यवस्था है।
बाजार से जोड़ना: किसानों की उपज को सीधे बाजार से जोड़ने के लिए कृषि मंडियों को डिजिटल प्लेटफार्म से जोड़ा जा रहा है।
शादी में हेलीकॉप्टर बुक कराने की पूरी प्रक्रिया, जानिए कितना खर्च आएगा और कैसे करें बुकिंग।।
लाभार्थियों की पात्रता
- उत्तर प्रदेश का निवासी होना अनिवार्य है।
- लाभार्थी को किसान होना चाहिए और उसके पास वैध भूमि रिकॉर्ड होना चाहिए।
- योजना का लाभ लेने के लिए किसान को ऑनलाइन या नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय में पंजीकरण कराना होता है।
पंजीकरण प्रक्रिया
किसान http://upagripardarshi.gov.in पर जाकर या कृषि विभाग के CSC सेंटर से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते समय आधार कार्ड, भूमि का विवरण, बैंक खाता और पासबुक की प्रति जैसे दस्तावेज आवश्यक होते हैं।
70 सांपों ने लिया नया घर तो खुला शौचालय का राज, गांव में मचा हड़कंप।।