लखनऊ, 11 जून 2025। उत्तर प्रदेश के तेजतर्रार एवं अत्यंत कर्तव्यनिष्ठ गन्ना आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय ने गन्ना किसानों की आय बढ़ाने और उत्पादन की गुणवत्ता सुधारने के लिए एक बड़ी पहल शुरू की है। विभाग ने राज्य की सभी चीनी मिलों को टिश्यू कल्चर, मृदा परीक्षण तथा जैव उर्वरक/बायोपेस्टीसाइड लैब की स्थापना और इन तकनीकों के अधिकतम उपयोग के निर्देश दिए हैं।
गन्ना आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि यह कदम किसानों को स्वस्थ एवं रोगमुक्त बीज, उर्वरक उपयोग में कटौती, और मृदा सुधार जैसी सुविधाएं प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य गन्ने की प्रति हेक्टेयर उपज में वृद्धि और उत्पादन लागत में कमी करना है।
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मुख्य बिंदु:
- टिश्यू कल्चर, मृदा परीक्षण एवं जैव उत्पादों का प्रयोग गन्ना खेती में वैज्ञानिक विधियों को बढ़ावा देगा।
- चीनी मिलें अब अपनी इकाइयों में इन लैब्स की स्थापना करेंगी ताकि क्षेत्रीय किसानों को समय पर सेवाएं मिल सकें।
- बीज की गुणवत्ता और उपलब्धता में सुधार से रोग रहित और उच्च उपज देने वाले बीज उपलब्ध होंगे।
- रासायनिक कीटनाशकों के स्थान पर जैव उत्पादों का प्रयोग कर पर्यावरण संरक्षण और उत्पादन लागत में कमी लाई जाएगी।
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गन्ना विभाग की यह पहल उत्तर प्रदेश में गन्ना खेती को टिकाऊ, लाभकारी और आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि प्रत्येक चीनी मिल को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसानों तक ये सुविधाएं पहुंचें और इनका समुचित उपयोग हो।
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