रिपोर्ट:- दीप शंकर मिश्र “दीप”
लखनऊ:- उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की ओर से बड़ा कदम उठाया गया है। संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के पारस्परिक स्थानांतरण में निष्क्रियता बरतने पर मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने प्रदेश के 51 मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
CMO पर लापरवाही के आरोप, NHM निदेशक ने लिया संज्ञान
डॉ. पिंकी जोवल ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि संविदाकर्मियों के स्थानांतरण व पुनर्नियुक्ति मामलों का शीघ्र निपटारा किया जाए। लेकिन बार-बार आदेश देने के बावजूद सीएमओ द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिसे राजकीय कर्तव्यों में उदासीनता माना गया है।
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किन जिलों के CMO को नोटिस मिला?
नोटिस पाने वाले जिलों में लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, बरेली, आजमगढ़, मथुरा, गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, बहराइच, बलिया, सीतापुर, लखीमपुर खीरी सहित कुल 51 जिले शामिल हैं। यह नोटिस NHM के उच्च स्तरीय अनुशासन और पारदर्शिता को दर्शाता है।
डॉ. पिंकी जोवल: एक सख्त और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. पिंकी जोवल को उनकी सख्त कार्यशैली और तेज निर्णय क्षमता के लिए जाना जाता है। वे पहले कई जिलों की जिलाधिकारी (DM) रह चुकी हैं और उन्हें अक्सर “Iron Lady of UP Administration” कहा जाता है। उनके नेतृत्व में कई जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी सुधार हुए हैं।
CMO लखीमपुर खीरी डॉ. संतोष गुप्ता विशेष निशाने पर
लखीमपुर खीरी के CMO डॉ. संतोष गुप्ता की कार्यशैली पर खासतौर से सवाल उठाए जा रहे हैं। आरोप है कि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर है, और अधिकारी विभागीय शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं देते। उनकी निष्क्रियता सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय रही है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा उठाया गया यह कदम उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक गंभीर प्रयास है। यदि संबंधित सीएमओ समय पर संतोषजनक उत्तर नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ आगे की विभागीय कार्रवाई तय मानी जा रही है।
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