लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्यभर में महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ई-रिक्शा, ऑटो, टैक्सी और ओला-उबर जैसी कैब सेवाओं के लिए एक नया नियम अनिवार्य कर दिया है। इस नियम के तहत अब हर वाहन चालक को अपनी गाड़ी के अंदर स्पष्ट रूप से अपना नाम और मोबाइल नंबर लिखवाना अनिवार्य होगा। जब तक यह जानकारी वाहन में प्रदर्शित नहीं की जाती, ड्राइवर को गाड़ी चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस फैसले को लागू करने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग को सौंपी गई है और सभी जिलों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
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🔒 महिला सुरक्षा पर खास ध्यान
यह कदम यूपी महिला आयोग की सिफारिश पर उठाया गया है। आयोग ने परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को पत्र लिखकर सार्वजनिक और निजी परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी और इस नियम को सख्ती से लागू करने की मांग की थी।
- ई-रिक्शा चालक
- ऑटो चालकों
- प्राइवेट टैक्सी ऑपरेटर
- ऐप आधारित सेवाएं जैसे ओला, उबर, रैपिडो आदि
📌 नियम का उद्देश्य क्या है?
- महिला यात्रियों की पहचान और संपर्क में पारदर्शिता लाना
- अपराध या उत्पीड़न की स्थिति में ड्राइवर की पहचान सुनिश्चित करना
- यात्रियों में भरोसा बढ़ाना
- गाड़ियों की निगरानी को आसान बनाना
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⚠️ नियम का उल्लंघन करने पर क्या होगा?
परिवहन विभाग के अनुसार, यदि कोई ड्राइवर अपनी गाड़ी में नाम और मोबाइल नंबर नहीं लिखता है, तो:
- उसे वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी
- चालान या वाहन जब्ती जैसी सख्त कार्रवाई की जा सकती है
- ड्राइविंग परमिट निलंबित किया जा सकता है
📢 सरकार का संदेश: यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा है, “राज्य सरकार महिला यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी। इस नियम से महिलाओं के लिए यात्रा अधिक सुरक्षित, भरोसेमंद और पारदर्शी होगी।”
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम महिला सुरक्षा की दिशा में एक व्यावहारिक और ठोस पहल है। परिवहन सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने वाला यह नियम जल्द ही पूरे प्रदेश में पूरी सख्ती के साथ लागू किया जाएगा।
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