सरयू नदी

मेरे अस्तित्व को मिटने से बचा लो, मेरे प्राण निकले जा रहे है, कोई तो मेरी वेदना को समझे।

दीप शंकर मिश्र"दीप":- संपादक

रिपोर्ट:- शरद मिश्रा “शरद” निघासन खीरी: में चीख रही हूं, मैंने आप सबको जीवनदान दिया है, आपकी प्यास बुझाई है और न जाने कितनी ...

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