उत्तरप्रदेश। सीतापुर के महमूदाबाद तहसील के रमनगरा गांव में आम के बागों को बचाने के लिए बागवानों ने एक अनोखा तरीका अपनाया है। यहां किसान अब लंगूर का वेश धारण कर खुद बागों में गश्त कर रहे हैं ताकि बंदरों को बिना किसी हिंसा के भगाया जा सके।
बीते वर्षों में बंदरों के उत्पात ने किसानों की नींद उड़ा दी थी। आम के पेड़ पकने से पहले ही फल बंदर तोड़ ले जाते थे, जिससे भारी नुकसान हो रहा था। पहले किसान पत्थर आदि फेंककर बंदरों को भगाते थे, लेकिन इससे जानवरों को चोट लगती थी और समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल पाया।
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गांव के एक बागवान परशुराम ने बताया, “हमारे धर्म में किसी जीव को मारना पाप है। इसलिए हमने सोचा कि कोई ऐसा तरीका अपनाया जाए जिससे बंदरों को भगाया जा सके लेकिन उन्हें चोट भी न लगे।”
इसके बाद गांववालों ने महमूदाबाद से लंगूर जैसे मास्क, पंजे वाले दस्ताने और काले रंग का कुर्ता मंगवाया। अब किसान बागों में इस वेश में घूमते हैं। बंदर उन्हें असली लंगूर समझकर डरकर भाग जाते हैं। रमनगरा की इस अनोखी पहल की सराहना हो रही है और आस-पास के गांवों के लोग भी इसे अपना रहे हैं। यह तरीका न सिर्फ पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि मानवीयता की मिसाल भी पेश करता है।
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