मेरे अस्तित्व को मिटने से बचा लो, मेरे प्राण निकले जा रहे है, कोई तो मेरी वेदना को समझे।

रिपोर्ट:- शरद मिश्रा “शरद” निघासन खीरी: में चीख रही हूं, मैंने आप सबको जीवनदान दिया है, आपकी प्यास बुझाई है … Continue reading मेरे अस्तित्व को मिटने से बचा लो, मेरे प्राण निकले जा रहे है, कोई तो मेरी वेदना को समझे।