उत्तरप्रदेश। लखीमपुर खीरी जिले के पलिया कस्बे में आज भी चल रही है मीटर गेज (छोटी लाइन) पर डीजल इंजन से संचालित ट्रेन, जो भारतीय रेलवे के इतिहास को आज भी ज़िंदा रखे हुए है। आधुनिक ब्रॉड गेज और इलेक्ट्रिक इंजन के इस युग में यह ट्रेन उस बीते दौर की झलक है, जब रेलवे सिर्फ़ यात्रा का साधन नहीं, एक रोमांच हुआ करता था।
पलिया में किसानों की एक आवाज़ और शुरू हो गया काम! विधायक ने बिना फाइलों के दिखाया एक्शन।।
कहाँ से कहाँ तक चलती है यह ट्रेन?
पलिया रेलवे स्टेशन से चलने वाली यह मीटर गेज ट्रेन मेलानी – मैलानी – नीमगांव – लखीमपुर जैसे स्टेशनों को जोड़ती है। यह लाइन सीतापुर और खीरी क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों को भी कवर करती है, जो अब भी पूरी तरह ब्रॉड गेज से नहीं जुड़ पाए हैं।
क्यों नहीं हुई मीटर गेज की जगह ब्रॉड गेज?
रेलवे विभाग द्वारा कई बार गैज कन्वर्जन योजना की घोषणाएं हुईं, लेकिन भू-राजस्व, पर्यावरणीय मुद्दे और दुधवा नेशनल पार्क से नजदीकी जैसे कारणों से यह लाइन अब तक बदली नहीं जा सकी।
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स्थानीय लोगों की मांग:
ब्रॉड गेज तो चाहिए, लेकिन इस ट्रेन का सफर और सीटी की आवाज़ अब पहचान बन चुकी है।
डीजल इंजन से चलने वाली विरासत
मीटर गेज ट्रेनों को चलाने के लिए आज भी WDM2 क्लास डीजल इंजन का उपयोग किया जाता है, जो 70 के दशक से भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं। पलिया की यह ट्रेन इन इंजनों का आज भी उपयोग कर रही है, जो इसे और भी ऐतिहासिक बना देती है।
- स्थानीय जनता के लिए जीवनरेखा
- किसान अपनी उपज लेकर पलिया मंडी तक इसी ट्रेन से आते हैं
- छात्र स्कूल-काॅलेज के लिए सफर करते हैं
- बुजुर्गों के लिए ये ट्रेन एक “स्मृति यात्रा” जैसी है
- टूरिज्म के लिए बन सकती है आइकन
अगर इस मीटर गेज ट्रेन को संरक्षित किया जाए, तो यह रेलवे टूरिज्म के रूप में एक बड़ी संभावना बन सकती है। दुधवा नेशनल पार्क के नजदीक होने के कारण यह ट्रेन वन्यजीव प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए एक आकर्षण बन सकती है।
जब देश की ज़्यादातर मीटर गेज ट्रेनों को इतिहास बना दिया गया, तब पलिया की यह ट्रेन एक चलती-फिरती विरासत है। यह न केवल आवागमन का साधन है, बल्कि लखीमपुर खीरी के ग्रामीण परिवेश और रेल इतिहास का अमिट हिस्सा भी है।
भारत में मीटर गेज की पहली ट्रेन 1872 में चली थी। और अब 90% से ज्यादा मीटर गेज लाइनों को ब्रॉड गेज में बदला जा चुका है।
242 में से थे 2 चेहरे ऐसे, जिनका हर सपना इस फ्लाइट में दफन हो गया।।
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