रिपोर्ट:- शरद मिश्रा “शरद”
लखीमपुर खीरी (निघासन): तहसील निघासन के सिंगाही रोड स्थित पोस्टमार्टम हाउस को लेकर क्षेत्रवासियों को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि यह पोस्टमार्टम हाउस कभी शुरू नहीं हो पाएगा। कारण है कि यह भवन विभागीय मानकों पर खरा नहीं उतरता।
यह पोस्टमार्टम हाउस करीब 36 साल पहले वर्ष 1987 में उस समय बनाया गया था, जब तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री रमापति शास्त्री ने निघासन में पीएचसी की जगह सीएचसी की आधारशिला रखी थी। लोगों को उम्मीद थी कि अब शवों के पोस्टमार्टम के लिए लखीमपुर मुख्यालय नहीं जाना पड़ेगा, लेकिन यह सपना अधूरा ही रह गया।
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अब यह खबर सामने आई है कि स्वास्थ्य विभाग इस पुराने भवन में टीकाकरण केंद्र खोलने की योजना बना रहा है। इससे यह भी साफ है कि क्षेत्रीय नागरिकों को अब भी मृतकों के पोस्टमार्टम के लिए 30 से 100 किलोमीटर दूर लखीमपुर जाना पड़ेगा।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, एक निजी स्कूल संचालक ने विभाग को पत्र भेजकर पोस्टमार्टम हाउस शुरू न करने की मांग की थी। उनका तर्क है कि शवों की मौजूदगी से स्कूल के बच्चों पर मानसिक प्रभाव पड़ सकता है।
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क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
स्थानीय नागरिक इस निर्णय से बेहद नाराज़ हैं। उनका कहना है कि जहां एक ओर सरकार ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत करने का दावा करती है, वहीं निघासन जैसे कस्बे में वर्षों से बना ढांचा धूल फांक रहा है।
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