रिपोर्ट:- शरद मिश्रा “शरद”
लखीमपुर खीरी: कर्तव्य के पथ पर अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए दिवंगत हुए पीओ (डूडा) डॉ. अजय कुमार सिंह के परिवार को सहारा देकर लखीमपुर खीरी के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अभिषेक कुमार ने संवेदनशीलता और मानवता की मिसाल पेश की है। इस पहल से न केवल प्रशासन की मानवीय सोच उजागर हुई है, बल्कि यह घटना सरकारी तंत्र में भरोसे का भी प्रतीक बन गई है।
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कर्तव्य से कुर्बानी तक: एक जिम्मेदार अफसर की कहानी
डॉ. अजय कुमार सिंह, जो डूडा विभाग में परियोजना अधिकारी के पद पर कार्यरत थे, हाल ही में हरगांव से खीरी की ओर परसेहरा मार्ग पर सफर करते समय सड़क हादसे का शिकार हो गए। कार अनियंत्रित होकर पलटने से उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। यह दुर्घटना पूरे प्रशासनिक अमले को झकझोर देने वाली रही।
प्रशासन बना संबल: सीडीओ के आह्वान पर एकजुट हुए अधिकारी
सीडीओ अभिषेक कुमार के आह्वान पर लखीमपुर खीरी के विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने संवेदनशीलता दिखाते हुए आर्थिक सहयोग के लिए हाथ आगे बढ़ाए। कुल ₹5 लाख की राशि स्वेच्छा से एकत्र की गई, जिसे सीधे दिवंगत अधिकारी की पत्नी के खाते में ट्रांसफर किया गया।
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न केवल आर्थिक, बल्कि भावनात्मक सहारा भी
सीडीओ द्वारा दिवंगत पीओ की पत्नी को न केवल आर्थिक मदद दी गई, बल्कि मृत्यु प्रमाणपत्र, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य आवश्यक दस्तावेज भी समय से सौंपे गए ताकि किसी भी सरकारी लाभ या सहायता में देरी न हो।
सीडीओ का भावुक संदेश: “प्रशासन हर हाल में आपके साथ”
सीडीओ अभिषेक कुमार ने इस दौरान कहा, “यह केवल एक प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि परिवार के सदस्य की तरह हमारा फर्ज है कि हम इस दुख की घड़ी में साथ खड़े रहें। प्रशासन आपके साथ है और हमेशा रहेगा।”
कर्तव्य और करुणा का संगम
इस घटना ने दिखाया कि प्रशासनिक अमला केवल आदेशों और योजनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि ज़रूरत के समय इंसानियत के साथ खड़ा हो सकता है। सीडीओ सहित सभी अधिकारियों की इस पहल ने यह स्पष्ट कर दिया कि संवेदनशील नेतृत्व हर परिस्थिति में एक मजबूत सहारा बन सकता है।
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