रिपोर्ट:- शरद मिश्रा “शरद”
लखीमपुर खीरी। यूपी के लखीमपुर खीरी में स्थित दुधवा नेशनल पार्क से एक बड़ी खुशखबरी निकलकर सामने आई है। यहां 115 वर्षों बाद आर्किड की एक दुर्लभ प्रजाति को फिर से देखा गया है। सठियाना रेंज और दक्षिण सोनारीपुर के घने जंगलों में एकाएक खिले इस दुर्लभ प्रजाति के फूल ने वन विभाग के अधिकारियों को रोमांचित कर दिया है।
बताया जाता है कि इस विशेष फूल को आखरी बार सन् 1909 में दुधवा नेशनल पार्क के ही जंगलों में देखा गया था, उसके बाद यह नस्ल विलुप्त मानी जा रही थी। सालों के इंतजार के बाद इस नस्ल का पुनः नजर आना न केवल दुधवा पार्क की अनुकूलनशील का प्रतीक है, बल्कि यह जंगलों के देखरेख की दिशा में किए गए प्रयासों की सफलता का संकेत भी देता है।
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वन विभाग के अनुसार
यह आर्किड नस्ल बेहद संवेदनशील होती है और केवल तभी विकसित होती है जब पर्यावरण पूर्णतः संतुलित और जैव विविधता समर्थ हो। इसका पुनः प्रकट होना हमारे लिए एक जैविक संकेत है कि दुधवा में प्राकृतिक प्रक्रियाएं सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही हैं। इसी दिन दुधवा नेशनल पार्क के दरवाजे मानसून सत्र के कारण सैलानियों के लिए बंद कर दिए गए, जो हर साल की तरह एक नियमित प्रक्रिया है। लेकिन, आर्किड की यह नई उपस्थिति पर्यावरणीय चक्र की एक अविश्वनीय समन्वित टाइम-रेखा भी प्रतीत हो रही है।
वन प्रेमियों का मत है कि जब जंगलों को बिना इंसानों के इंटरफ़ेर के अपने आप पैदा होने दिया जाता है, तो प्रकृति खुद को फिर से जीवित करने की अविश्वसनीय ताकत दिखाती है। आर्किड का यह खिलना एक ‘प्रकृति का पुनः जन्म’ जैसा है, जो संरक्षण की दिशा में काम कर रहे लोगों के लिए एक प्रेरणास्पद मैसेज भी है।
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