नई दिल्ली, 10 मई 2025 | By Digital Desk
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच उत्पन्न हुए युद्ध जैसे हालात में भारत ने न केवल आतंकियों को करारा जवाब दिया, बल्कि विश्व मंच पर भी मजबूती से अपनी स्थिति स्पष्ट की। तीन दिनों तक चले सीमित संघर्ष के बाद भारत ने सैन्य और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर स्पष्ट बढ़त हासिल की। भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा के पार स्थित आतंकी ठिकानों को सटीक कार्रवाई के जरिए निष्क्रिय किया। पाकिस्तान की ओर से हुई जवाबी कोशिशों को भारतीय वायुसेना और थलसेना ने प्रभावी ढंग से विफल किया।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन और शांति की अपील
भारत की दृढ़ प्रतिक्रिया और संयमित नीति को अमेरिका, फ्रांस, रूस और जापान जैसे देशों का समर्थन प्राप्त हुआ। इसके बाद पाकिस्तान ने युद्ध विराम की घोषणा करते हुए आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की बात कही।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान
प्रधानमंत्री मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा,
“हमारी सेना ने देश की रक्षा में अदम्य साहस दिखाया है। भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन यदि सुरक्षा को चुनौती दी गई, तो उसका जवाब देना जानते हैं। अब समय है कि क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए पाकिस्तान ठोस और ईमानदार पहल करे।”
जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
देशभर में सेना की कार्रवाई की सराहना की जा रही है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारत की सैन्य ताकत और कूटनीतिक कुशलता का संतुलित उदाहरण है। सोशल मीडिया पर “#IndiaForPeace” और “#SurgicalStrike2.0” जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
निष्कर्ष:
यह घटना केवल एक जवाबी हमला नहीं, बल्कि भारत के बदले हुए रुख का प्रतीक है — जहां शक्ति और शांति दोनों साथ-साथ चलते हैं।
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