एक ऐसा आईपीएस अधिकारी जिनके नाम से ही अपराधियों की पतलून हो जाती थी गीली, सरकार ने दिया था सेवाविस्तार।

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रिपोर्ट:- दीप शंकर मिश्र “दीप”
लखनऊ। जिंदगी के कई पहलू होते है और हर इंसान अपने तरीके से अपनी जिंदगी को जीता है। मगर कुछ लोग ऐसे भी होते है जो अपने नेक कार्यों के बलबूते वो मुकाम हासिल कर लेते है जिसका लोग सपना देखते है। आज एक ऐसे ही आईपीएस अधिकारी के बारे में आपको बताऊंगा जिन्होंने अपने नौकरी के दौरान जुर्म की दुनिया में हलचल मचा रखी थी।

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हम बात कर रहे है सेवानिवृति आईजी आर.के चतुर्वेदी की जिन्होंने जब तक नौकरी की वो कभी किसी के आगे झुके नहीं उनके लिए सबसे जरूरी व अहम उनका फर्ज था जिसके लिए वो सदैव तत्पर रहते थे। आर.के चतुर्वेदी 1987 बैच में पीसीएस में चयनित हुए थे और उन्हें वर्ष 1998 में आईपीएस कैडर मिल गया था। आईपीएस बनने के बाद श्री चतुर्वेदी यूपी के कई जिलों के कप्तान के साथ डीआईजी रेंज लखनऊ व आईजी इलाहाबाद, आईजी इंटेलिजेंस के पद पर तैनात रहे। आर.के चतुर्वेदी एक ऐसे आईपीएस अधिकारी हुए जिनके पास डीआईजी रेंज के साथ-साथ लखनऊ के एसएसपी का भी चार्ज रहा। पुलिस विभाग में आने से पहले आर.के चतुर्वेदी जेल विभाग में जेलर भी रहे है। इनका अपराधियों के लिए हमेशा एक ही सिद्धांत रहा है “या तो अपराध छोड़ दो या फिर कार्यवाही के लिए तैयार रहो” इन्होंने अतीक अहमद जैसे बाहुबली माफिया को धूल चटा दी थी मगर राजनीतिक संरक्षण के चलते इनका ट्रांसफर कर दिया गया था। आईपीएस आर.के चतुर्वेदी की गिनती तेजतर्रार एवं अत्यंत कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों में की जाती थी।

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जिसके चलते आज भी पुलिस महकमे के लोग इनका नाम बड़े सम्मान के साथ लेते है। जब श्री चतुर्वेदी लखनऊ के डीआईजी थे तो इन्होंने शख्त निर्देश दिए थे कि गरीबों और जरूरतमंदों की पुलिस सबसे पहले मदद करे और उनकी शिकायतों का तत्काल मौके पर जाकर निस्तारण करें। उनके इस निर्देश का उस समय काफी असर भी देखने को मिला था। जिस जनपद में अपराधिक घटनाओं का बोलबाला रहता था वहां ये स्वयं पहुंचकर मोर्चा संभालते थे और इनके शख्त लहजे और ईमानदार व्यक्तित्व को देखते हुए अच्छे अच्छों की पतलून गीली हो जाती थी। डीआईजी से प्रमोशन के बाद ये आईजी बने और इन्हें इलाहाबाद की कमान सौंपी गई वहां भी इनका कार्यकाल बेहद शानदार रहा। जिसके बाद इन्हें आईजी इंटलिजेंस बनाया गया उसी बीच इनका रिटायरमेंट नजदीक आ गया तो सरकार ने इनके सराहनीय कार्यों को देखते हुए तीन माह का सेवा विस्तार भी दिया। पुलिस की नौकरी से सेवानिवृति होने के बाद आर.के चतुर्वेदी इन दिनों पुलिस भर्ती बोर्ड के सदस्य है। इनके सराहनीय कार्यों के चर्चे आज भी पुलिस के आला अधिकारियों के मुख से सुनने को मिलते है।

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