रिपोर्ट:- शरद मिश्रा “शरद”
लखनऊ। हमने अमूमन देखा होगा कि कोई आम शख्स जैसे ही बड़ी पदवी या फिर सरकार में मंत्री इत्यादि की कुर्सी पा जाता है तो वह अपने जलवे में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखता। जलवा ऐसा की मानो उसके गाड़ी के पीछे 20 गाड़ियां और चल रही हो। उसकी एक आवाज पर अधिकारी दौड़े चले आते हो। यही नहीं वह चंद दिनों में ही हूटर की गूंज व खादी कुर्ते की चमक में ऐसा अपने आपको बदलने में मगरुर हो जाता है मानो उसे यह शानोशौकत विरासत में मिली हो। मगर आज हम एक ऐसे शख्स के बारे में बताएंगे जिसने सरकार में मंत्री की पदवी तो पा ली मगर अपने सादगी भरे जीवन की दिनचर्या को कभी नहीं बदला।
हम बात कर रहे यूपी के जनपद बहराइच अंतर्गत आने वाले विधानसभा बलहा की जहां 2015 के उपचुनाव में किसान परिवार में जन्मे बंशीधर बौद्ध को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने टिकट दे दिया और वह वहां से जीत भी गए। फिर क्या खुश होकर अखिलेश ने बंशीधर बौद्ध को सरकार में समाज कल्याण राज्य मंत्री बना दिया और वह दो साल तक मंत्री बने रहे।
सादगी भरा जीवन व लोगों से प्रेम से मिलना
पूर्व मंत्री बंशीधर बौद्ध का जीवन सादगी से भरा है और वह अपनी इस सादगी के बीच में कभी चकाचौंध आने नहीं दी। वह अपने खेतों की पहले भी स्वयं जुताई व अन्य कार्य करते थे और आज भी वह स्वयं ही खेतों पर कार्य करते है। उनका कहना है कि जनता के प्यार ने उन्हें मंत्री बनाया फिर उसकी उम्मीदों को हम भला कैसे तोड़ सकते है। पैसा तो खेती करके भी कमाया जा सकता है। उन्होंने दावे के साथ यह भी कहां की अपने मंत्री बनने के कार्यकाल के कभी भी कोई एक रुपए का भी आरोप लगा दे तो वो राजनीति छोड़ देंगे।
इस तरह राजनीति में रखा कदम
पूर्व मंत्री बंशीधर बौद्ध ने प्रतिभा टाइम्स को बताया कि वह हाईस्कूल तक की पढ़ाई की है और सबसे पहले सन् 1978 में डाक विभाग में कार्य करते थे मगर विवाद के चलते उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। जिसके बाद उन्हें साइकिल की पंक्चर जोड़कर अपनी रोजी रोटी चलाने लगे कुछ कार्य करने के बाद वो गिरजापुरी के सेंट्रल स्टेट फॉर्म पर चौकीदारी का कार्य करने लगे। उसी दौरान सन् 2000 में जिला पंचायत का चुनाव हुआ और सीट आई एस.सी जिसके चलते बंशीधर बौद्ध जिला पंचायत के चुनाव में बसपा पार्टी की और से मैदान में उतर गए और चुनाव जीत गए। जिसके बाद वह बसपा में सक्रिय राजनीति करने लगे। सन् 2015 में विधानसभा बलहा में उपचुनाव हुआ जिसमें अखिलेश यादव ने बंशीधर बौद्ध की लोकप्रियता को देखते हुए अपनी पार्टी से टिकट दे दिया। अखिलेश यादव की उम्मीदों पर खरे उतरने वाले बंशीधर बौद्ध यह चुनाव जीत गए जिसके चलते अखिलेश सरकार ने इन्हें समाज कल्याण विभाग का राज्यमंत्री बना दिया। राज्यमंत्री का कार्यकाल 2 साल पूरा करने बाद 2017 विधानसभा चुनाव में फिर से अखिलेश यादव ने इन्हें अपनी पार्टी से टिकट दिया मगर इस बार बंशीधर बौद्ध चुनाव हार गए।
पूर्व मंत्री बंशीधर बौद्ध का परिवार
सपा सरकार में मंत्री रहे बंशीधर बौद्ध के पांच बेटे है जिनमें एक बेटा सीतापुर में स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी है और एक बहु पंचायत में ग्राम रोजगार सेवक है। बाकी बेटे पिता के साथ खेतों में काम करते है। बंशीधर बौद्ध के पास एक पुरानी स्कॉर्पियो गाड़ी है व खेती के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली इत्यादि है। इसके अलावा इनके यहां लगभग आधा दर्जन भैंसे भी है जिनके चारा इत्यादि की व्यवस्था भी स्वयं बंशीधर बौद्ध ही करते है। इनके सादगी के चर्चे पूरे यूपी के विख्यात है।
इस गांव में आज भी ग्रामीणों को घंटा बजाकर बताया जाता है समय, वजह जान आप भी हैरान रह जाएंगे।